वर्डफॉक्स पब्लिकेशन एवं द पोएट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में
कविता लेखन अभिव्यक्ति को प्रस्तुत करने का एक सशक्त माध्यम है, कविता सहज शब्दों के माध्यम से जन समुदाय को सहज ही आकर्षित करती है। इस प्रतियोगिता का उदेश्य आज के युवा व उभरते हुए कवियो को वर्तमान समस्या से अवगत करते हुए लिखने के लिए प्रेरित करना है | इस प्रतियोगिता में कवि प्रतिभागी अपनी सशक्त अभिव्यक्ति के माध्यम से जन समुदाय को प्रेरित करे, साथ ही उनकी कविता के माध्यम से जन आंदोलन की आवाज बने।
१. शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है,
सौ चराग़ जलते हैं इक चराग़ जलने से
-एहतिशाम अख्तर
२. माना कि लोग निरीह हैं लेकिन बहुत दिनों तक सह न सकेंगे,
स्वतंत्रता सबसे पुराना विचार है सबसे पुरानी चाहत।
– कुमार अम्बुज
३. सबके हिस्से का आकाश
पूरा आकाश है।
– विनोद कुमार शुक्ल
४. कविता बहुत ही निःसत्व हो गई है
जबकि हथियारों के नाख़ून बुरी तरह बढ़ आए हैं।
– पाश
५. न्याय को अंधा कहा गया है,
मैं समझता हूं न्याय अंधा नहीं, काना है,
एक ही तरफ देख पाता है।
-हरिशंकर परसाई